इंटरनेट पर पोस्ट होगी शिक्षकों पर छात्रों की राय

Update: 2016-10-09 20:10 GMT
Supreme Court

नई दिल्ली (भाषा)। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपनी वेबसाइटों को अद्यतन करें, जिसमें यह भी शामिल होना चाहिए कि शिक्षकों को लेकर छात्रों की राय क्या है।

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित निगरानी समिति की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे गए एक कड़े पत्र के बाद एमसीआई ने हाल में सभी मेडिकल कॉलेजों को पत्र लिखकर उनसे कहा कि वे हर महीने के पहले हफ्ते में अपनी वेबसाइट अद्यतन करें, जिसमें स्नातक कर रहे हर छात्र की ओर से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में हासिल अंक और कॉलेज की ओर से ली जा रही फीस का ब्योरा भी शामिल हो। जब छात्र एक सेमेस्टर से दूसरे सेमेस्टर में जाएं तो पिछले सेमेस्टर में उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन सहित छात्रों से जुड़ा पूरा ब्योरा भी वेबसाइट पर डाला जाए।

एमसीआई के कामकाज पर नजर रखने के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित निगरानी समिति के निर्देशों का हवाला देते हुए पत्र में लिखा गया, ‘‘हर पहलू से मूल्यांकन करने के लिहाज से अध्यापन में नियमितता, प्रायोगिक कार्य, प्रायोगिक प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना संबंधी सुविधाओं पर छात्रों की राय भी शामिल की जानी चाहिए।'' उच्चतम न्यायालय ने मई में एक निगरानी समिति गठित की थी जिसमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एम लोढा, जानेमाने लिवर विशेषज्ञ डॉ. शिव सरीन और पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय शामिल हैं। आदेश के मुताबिक, निगरानी समिति के पास एमसीआई कानून के तहत इस संस्था के सभी वैधानिक कार्यों पर नजर रखने का अधिकार होगा। आदेश में कहा गया था, ‘‘एमसीआई के सभी नीतिगत निर्णय को निगरानी समिति की मंजूरी चाहिए होगी। समिति उचित निर्देश जारी करने के लिए स्वतंत्र होगी।'' इसके अलावा, सभी कॉलेजों से कहा गया है कि वे उपस्थिति का ब्योरा इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में रखें और निरीक्षण के वक्त ये ब्योरा उपलब्ध कराएं।

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